एसटीएफ और आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त ऑपरेशन में पकड़ा गया वांछित अपराधी ललित भाटी, 50 हजार रुपए का रखा गया था इनाम

बीती रात यूपी एसटीफ की नोएडा यूनिट ने ईओडब्ल्यू की टीम के साथ मिलकर बाइक बोट केस में पचास हजार रुपये के वांछित चल रहे ललित भाटी को गिरफ्तार किया है। यूपी एसटीएफ़ की टीम ने मवाना मेरठ इलाके से गिरफ़्तार किया है। ललित पर बाइक बोट केस में नोएडा पुलिस ने 50 हजार रुपये का ईनाम घोषित हो रखा था। जालसाज का आरोपी ललित बाइक बोट केस में दर्ज सभी 56 मामलों में वांछित चल रहा था। आरोपी को टीम ने विधिक कार्यवाही के लिए थाना दादरी में दाखिल किया है।
जानकारी के अनुसार, करण पाल सिंह को वर्ष 2018 में कंपनी में डायरेक्टर बना दिया गया था। उसे दो लाख रुपए प्रतिमाह वेतन के साथ चलने के लिए एक फार्च्युनर कार दी गई थी। कंपनी के विस्तार में उसने बड़ी भूमिका निभाई। कंपनी लोगों से अपनी एक स्कीम के तहत लोगों से एक बाइक के लगभग 62200 रुपये लगाने पर प्रतिमाह 9765 रुपये एक साल तक देने का वादा करती थी। इस स्कीम में बड़ी संख्या में लोगों ने पैसा लगाया और ठगे गए थे।
चार हजार करोड़ से ज्यादा का है यह घोटाला
इससे पहले चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इस घोटाले की आरोपी कंपनी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के मुखिया संजय भाटी समेत कई डायरेक्टर पहले से ही जेल में हैं। फरार चल रहे सचिन भाटी, पवन भाटी व करण पाल सिंह को ईओडब्ल्यू ने एसटीएफ की मदद से गिरफ्तार कर चुकी है। सचिन भाटी मुख्य अभियुक्त संजय भाटी का ही सगा भाई है, जबकि पवन भाटी चचेरा भाई है। करण पाल भी कंपनी में डायरेक्टर के पद पर था।
निवेशकों को झांसा देने और डराने धमकाने का आरोप
मामले की जांच कर रहे ईओडब्ल्यू के मेरठ सेक्टर के प्रभारी एएसपी राम सुरेश यादव ने कहा कि तीनों की कंपनी में बेहद खास भूमिका थी। निवेशकों को झांसा देने और कोई विवाद होने पर उन्हें डराने-धमकाने में भी वे सक्रिय रहते थे। तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी, जिसमें यह पता लगाने की भी कोशिश की जाएगी कि और कौन-कौन से लोग उनके सहयोगी रहे हैं। इसी मामले में मंगलवार को ललित भाटी को गिरफ्तार किया गया है।
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