दुष्कर्म पीड़ित के भतीजे के अपहरण मामले में लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकारी वकील से तलब किया विवेचना की स्टेटस रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पिछले साल बिहार थाना क्षेत्र में एक दुष्कर्म पीड़ित को जिंदा जला दिया गया था। अब उसका छह साल का भतीजा लापता है। बीते डेढ़ माह से उसका कोई सुराग नहीं लगा है। इस प्रकरण में पुलिस ने जिन पांच लोगों को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था, उनके परिजनों ने अक्टूबर माह में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में CBI जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। गुरुवार को इस प्रकरण में हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को तीन हफ्ते के भीतर विवेचना की प्रगति का ब्यौरा देते हुए शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
याची का यह आरोप
यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी व जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने विमल की याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया था कि बिहार थाना क्षेत्र में एक गांव से दिवंगत दुष्कर्म पीड़िता का 6 वर्षीय भतीजा 2 अक्टूबर 2020 से गायब है। जिसका पता पुलिस आज तक नहीं लगा सकी है। इस बीच पुलिस ने बच्चे के परिजनों द्वारा नामजद अभियुक्तों को पकड़ कर जेल भेज दिया है।
अब सुनवाई तीन हफ्ते बाद
याची के वकील ओपी तिवारी का कहना था कि अभियुक्तों को गलत नामजद किया गया है। कहा गया कि केवल सीबीआई से दूध का दूध व पानी का पानी हो सकता है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकारी वकील को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवायी तीन हफ्ते बाद होगी।
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