कमिश्नर के व्यवहार से आहत सपा के पूर्व मंत्री ने दिया धरना, बोले- हमारी बातों को अनसुना किया, बदसलूकी भी की

पूर्व की सपा सरकार के मंत्री और तीन बार के विधायक रह चुके राधेश्याम सिंह गुरुवार को गोरखपुर के कमिश्नर कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कमिश्नर जयंत नार्लिकर पर बातों बदसलूकी करने का आरोप लगाया। कहा कि वे गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन देने के लिए आए थे। कमिश्नर ने उनके साथ ठीक से न तो व्यवहार किया और न ही उनकी मांगों को ठीक से सुना।
मामला तूल पकड़ने पर एडिशनल कमिश्नर अजय कांत सैनी और सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने पूर्व मंत्री से बात की और उनके ज्ञापन को CM योगी तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके बाद मंत्री का गुस्सा शांत हुआ और वे धरने से उठ गए।

यह है पूरा मामला
दरअसल, पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह गुरुवार को गन्ना और धान किसानों की समस्याओं को लेकर कमिश्नर जयंत नार्लिकर को ज्ञापन देने के लिए उनके कार्यालय आए। उन्होंने एक दिन पहले ही फोन पर मिलने का समय लिया था। बताया कि वे कमिश्नर के सामने बैठे, तो कमिश्नर ने उन्हें दूर बैठकर बात करने को कहा। वे दूर बैठ गए। कमिश्नर से बताया कि वे गन्ना और धान किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन देने के लिए आए हैं। कमिश्नर ने कहा कि वे उनके PA को ज्ञापन दे दें।
यह बात पूर्व मंत्री को नागवार गुजरी। उन्होंने कहा कि 100 किलोमीटर दूर से PA को ज्ञापन देने के लिए नहीं आए हैं। इसके बाद कमिश्नर ने ज्ञापन बैठकर मेज पर रख देने के लिए कहा तो पूर्व मंत्री ने कहा कि वे ज्ञापन मेज पर नहीं रखेंगे। उनके हाथ में देंगे। कमिश्नर ने थोड़ा सा खड़े होकर ज्ञापन लिया, लेकिन पढ़ा नहीं। कहा कि वे सुनेंगे नहीं और जो मन करेगा वे करेंगे। ये मनमानी जब सरकार तानाशाह और नौकरशाह बेलगाम हो जाए, तो आंदोलन के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। यही वजह है कि आज यहां पर धरने पर बैठे।

भाजपा सरकार में किसान दुखी
सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान हो। धान किसानों के धान मूल्य का भुगतान हो। किसानों का सरकार उत्पीड़न करेगी, तो वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा सरकार में पूर्वांचल व देश के किसान बहुत दुखी हैं।
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