जिला प्रशासन ने 26 लोगों के खिलाफ दर्ज की FIR, पशुओं को गोशाला भेजने की मांग कर रहे थे ग्रामीण

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में गुरुवार को चार गांवों के लोगों ने आवारा पशुओं को सरकारी स्कूलों में बंद कर दिया था। भनक लगते ही एसडीएम व पशुपालन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को समझाकर पशुओं को मुक्त कराया। पशु छोड़ने वाले 26 लोगों के खिलाफ पशु चिकित्साधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण कई दिनों से आवारा पशुओं को गोशाला में भेजने की मांग कर रहे थे। सुनवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने पशुओं को पकड़कर प्राथमिक स्कूलों में बंद कर दिया।
तहसील क्षेत्र के गांव आदमपुर, बीझलपुर तथा शीतलासराय के ग्रामीणों ने गुरुवार को बेसहारा पशुओं को प्राथमिक विद्यालयों में बंद कर दिया। ग्रामीणों ने अधिकारियों को गोवंश पशुओं के विद्यालय में बंद होने की सूचना दी। मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी विजय शंकर, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ब्रजवीर सिंह तथा थाना प्रभारी निरीक्षक आदमपुर पंकज वर्मा ने तीनों गांव के प्राथमिक विद्यालयों में बंद गोवंश पशुओं को छुड़वा दिया। ग्रामीणों की मांग थी कि पशुओं को गोशाला छोड़ा जाए।
पशु चिकित्साधिकारी की तहरीर पर दर्ज हुए केस
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ब्रजवीर सिंह ने बताया कि पशुपालकों ने अपने-अपने घरों से पशुओं को लाकर बंद किया था इसलिए वह अपने पशुओं को खुद ले गए। वहीं थाना प्रभारी पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि गंगेश्वरी के पशु चिकित्साधिकारी तेजपाल सिंह की तहरीर पर बीझलपुर के 19 और आदमपुर के 7 लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
दरअसल आदमपुर के ग्रामीणों ने पशुओं को स्कूल में बंद करा दिया था। बाद में पशुपालन विभाग की टीम पशुओं को सांथलपुर की गोशाला ले रही थी कि ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। करीब 13-14 पशुओं को ब्रह्माबाद की गोशाला में लाया गया।
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