लखनऊ में 700 शस्त्र धारकों में से सिर्फ 125 ने किया सरेंडर, अब पुलिस लेगी एक्शन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 700 शस्त्र धारक में से केवल 125 ने अपने शस्त्र सरेंडर कराएं। शस्त्र जमा कराने वाले धारकों में ब्यूरोक्रेसी और नेताओं के प्रतिनिधि शामिल है। अभी भी राजधानी लखनऊ में करीब 575 शस्त्र धारकों ने समय अवधि निकल जाने के बाद भी अपने तीसरे शख्स को सरेंडर नहीं कराया है।
सिटी मजिस्ट्रेट सुशील प्रताप सिंह का कहना है कि शस्त्र न जमा कराने वाले शस्त्र धारकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 13 दिसम्बर 2020 तक आखिरी तारीख़ थी। केंद्र सरकार से जारी निर्देश के बाद प्रशासन ने दो से अधिक लाइसेंसी शस्त्र को 13 दिसंबर तक निरस्त कर मालखाना या पुलिस थाने अथवा शस्त्र दुकानों पर जमा कराने की मोहलत दी थी। शस्त्र अनुभाग में 1100 में से सिर्फ 250 लोगों ने ही तीसरे शस्त्र का लाइसेंस निरस्त करवाने की प्रक्रिया पूरा कर अतिरिक्त शस्त्र सरेंडर करवाए थे।
सिर्फ निशानेबाजी से जुड़े खिलाड़ियों को मिलेगी छूट
प्रभारी शस्त्र अनुभाग व सिटी मजिस्ट्रेट एसपी सिंह ने कहा कि 13 दिसम्बर के बाद सिर्फ निशानेबाजी से जुड़े खिलाड़ियों को छोड़कर कोई भी एक लाइसेंस पर दो से अधिक शस्त्र नहीं रख सकते हैं। तय समय में अतिरिक्त हथियार सरेंडर न कराने वालों के तीसरे शस्त्र को अवैध मानते हुए सीधे कार्रवाई शुरू होगी। अवैध हथियार को जब्त कर आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
राजधानी लखनऊ में अब तक 57601 शस्त्र धारक हैं, जिनके पास 60097 असलहे हैं। जबकि 58521 लाइसेंस नंबर दर्ज हैं। इस तरह यहां पर करीब 2496 ऐसे शस्त्र धारक हैं जिनके पास एक से अधिक असलहे हैं।
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