पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के घर से ED को मिले 11 लाख के पुराने नोट और 100 से अधिक बेनामी प्रॉपर्टी के दस्तावेज

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के अमेठी स्थित घर से 11 लाख रुपए के पुराने नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा ED को 5 लाख रुपए के सादे स्टांप पेपर, 1.5 लाख रुपए नए नोटों के कैश और 100 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले। बेनामी संपत्तियां गायत्री के नौकरों, ड्राइवर और रिश्तेदारों के नाम पर हैं। ED टीम ने गायत्री की अवैध संपत्तियों के बारे में नौकरों से पूछताछ की है।
7 जगहों पर हुई थी एक साथ छापेमारी
दरअसल, बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अमेठी, कानपुर, लखनऊ समेत 7 जगहों पर एक साथ छापेमारी की थी। इलाहाबाद से आई छह अफसरों की एक टीम ने अमेठी में आवास विकास कॉलोनी स्थित गायत्री प्रजापति के आवास पर छापा मारा था, तो वहीं लखनऊ में विभूतिखंड स्थित उनके बेटे के ऑफिस से ED ने अहम दस्तावेज बरामद किए थे। वहीं, कानपुर में गायत्री के CA यूसी खंडेलवाल से भी पूछताछ की गई थी। करीब 7 घंटे सातों जगह चली छापेमारी में 100 से अधिक अफसर गायत्री की काली कमाई की कलई खोलने में जुटे रहे।
छह शहरों में गायत्री की अवैध संपत्तियां
ED को सबसे अधिक सबूत अमेठी से बरामद हुए। यहां गायत्री के घर और टिकरी गांव निवासी ड्राइवर रामराज के घर से टीम ने तमाम फाइलों को अपने कब्जे में लिया है। टीम को गायत्री के लखनऊ, कानपुर, मुंबई, नोएडा और सीतापुर समेत छह शहरों में अवैध संपत्तियों का पता चला है। इस बात के भी सबूत मिले हैं कि गायत्री ने 2012 से 2017 के बीच खनन घोटाले से जुटाई काली कमाई को कई बेनामी संपत्तियों में निवेश किया।
मंत्री रहते हुए गायत्री ने 6 गुना अधिक सम्पत्ति बनाई
बता दें कि वर्ष 2012-17 के दौरान मंत्री रहते हुए प्रजापति ने आय से छह गुना अधिक संपत्तियां बनाई थी। वैध स्रोतों से उनकी आय 50 लाख रुपए के करीबी थी, जबकि उनके पास तीन करोड़ से अधिक की संपत्तियां मिलीं थीं। खनन घोटाले में ED ने अगस्त 2019 में CBI की FIR को आधार बनाकर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद, बी.चंद्रकला समेत पांच IAS अधिकारियों के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति वर्तमान में दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद हैं। इस मामले में लखनऊ पुलिस ने 15 मार्च 2017 को पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और तब से वह जेल में हैं।
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